"थका नहीं हू, बिखरा भी नही हू, अभी टूटी नही है हिम्मत मेरी ,
इतनी जुर्रत इन वादियों मे कहा,
जो तोड़ दे गुरुर को मेरे।।
ये गिरता पारा क्या तोड़ेगा मेरे सब्र के बांध को।।
मैने तो इन्ही बर्फ़ीली हवाओ से है उड़ना सिखा।।
ये क्या मेरा रुख मोड़ेंगी, ये क्या मेरे हिम्मत को तोड़ेंगी.
.....✒️@ Vinay Pandey
@highlight @ मेराव्यक्तित्व
©Vinay Pandey official
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