दोस्त, आज फिर वही पहले वाली ज़िन्दगी जीते है,
उठो, चलो कही बाहर एक एक कप चाय पीते है।
हमारी दोस्ती पर समय के साथ जो आये जख्म, सीते है,
उठो, चलो कही बाहर एक एक कप चाय पीते है।
तुम दोनों साथ आये यहाँ तो अच्छा लगा, गली कूचे कहते है,
उठो, चलो कही बाहर एक एक कप चाय पीते है।
~ Vishwa
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