क्यों दूं आवाज़ उसे अब मैं यारों,
लौट के तो उसे यहां आना नहीं है।
रंजिशे ओर क्यों झेलूं उसके लिए,
मुझे भी पास उसके जाना नहीं है।
नासमझी में दिल लगा बैठे थे हम,
दिलवालों का अब ज़माना नहीं है।
एक झटके में दिल तोड़ देते लोग,
दिल तोड़ने का कोई हर्जाना नहीं है।
तोबा तोबा करते हैं मोहब्बत से हम,
भूलके किसी से दिल लगाना नहीं है।
तकलीफ होती किस चीज़ से ज्यादा,
ये बात किसी को बतलाना नहीं है।
©Pooja aggrwal
तोबा तोबा करते हैं मोहब्बत से। #POOJAAGGRWAL #Hindi poetry #najam #hindiquotes #SAD #Love #writer #gajal #urdu
#SunSet