कठोर है दिल फिर किस बात का दुख है? है हजार गम दिल में उस बात का दुख है। ख़्वाब बटोरते फिरते है रातों को यूंही, सुबह फिर से हो जाती इस बात का दुख है। ____ऋषिका ©Rishika Kumari #Parchhai Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto