छोड़ कर घर संसार को चला में अब दूसरे जन्म को
मिला बहुत प्यार परिवार और अन्न खाने को ।।
उड़ान कभी आसमान की करी नही
अपने परिवार में यादों की वो जगह बनाई
भूल सके ना कोई मुझे न दे सके मेरा प्यार किसी को
जितनी उम्र थी जी कर चला में।।
©rakhi_sharma_01
5.9.24 sad