आज भी तेरे इंतज़ार में सदियां बीत गईं हैं मेरी ज़ि | हिंदी Shayari
"आज भी तेरे इंतज़ार में सदियां बीत गईं हैं
मेरी ज़िन्दगी में बस खामोशियां रह गईं हैं
तेरे लिए सबके हाथों को छोड़ दिया
और आज मेरे हाथों में ही तेरे हाथों की कमी हैं"
आज भी तेरे इंतज़ार में सदियां बीत गईं हैं
मेरी ज़िन्दगी में बस खामोशियां रह गईं हैं
तेरे लिए सबके हाथों को छोड़ दिया
और आज मेरे हाथों में ही तेरे हाथों की कमी हैं