फ़सल कटने की बेला आई
देखो देखो बैसाखी आई,,,
इंतज़ार था किसानों को जिस घड़ी का
खुशियों की वो घड़ी आई,देखो देखो बैसाखी आई,,,
बोई थी जो गेंहू,अन्नदाता किसानों ने
उनकी मेहनत रंग लाई,देखो देखो बैसाखी आई,,,
आओ मिलकर आदर,सत्कार करे उनका
जिन्होंने खेती -बाड़ी करके फसल उगाई
,देखो देखी बैसाखी आई,,,
'नितिन'सभी किसानों को इस त्योहार पर
हर किसान के घर आये खुशहाली,
दुखी न हो कभी अन्नदाता हमारे,
ईश्वर सदा बनके आए सहाई,,
देखो देखो बैसाखी आई,,,,
©Nitin Diwan
#baisakhi