हे प्रभु जल के कल कल में तुम ही हो ।
तुम ही आज हो कल,जन्म,मृत्यु तुम ही हो।
पहाड़ो के शीर्ष पर शिव बन बैठे हो,
धर्म रक्षा हेतु राम,सत्य स्थापना हेतु श्याम तुम ही हो।
तुम सत्य हो ,सनातन हो समय की अविरल धारा हो ।।
सूर्य चंद्र प्रकृति का प्यार तुम हो
गंगा की अविरल धारा ,सारा संसार तुम हो।।
©praveen dubey
#RABINDRANATHTAGORE