खुदा जनता है तेरी नियत क्या थी वफा कितना और बेवफ़ा | English Poetry

"खुदा जनता है तेरी नियत क्या थी वफा कितना और बेवफ़ाई क्या थी प्रेम तपिश है जिसमें जल के रागिनी प्रज्वलित हो जाए, पर तेरी निशानियाँ ही बदगुमान थी कब और क्या चाहा तूने हर सादगी मे जहर सी वफा थी स्वार्थ के सिले पर चढ़ा तू और बर्बादियो की बद्दुआ थी ©chandni"

 खुदा जनता है तेरी नियत क्या थी
वफा कितना और बेवफ़ाई क्या थी

प्रेम तपिश है जिसमें जल के रागिनी
प्रज्वलित हो जाए, पर तेरी 
निशानियाँ ही बदगुमान थी

कब और क्या चाहा तूने हर सादगी
मे जहर सी वफा थी

स्वार्थ के सिले पर चढ़ा तू और बर्बादियो
की बद्दुआ थी

©chandni

खुदा जनता है तेरी नियत क्या थी वफा कितना और बेवफ़ाई क्या थी प्रेम तपिश है जिसमें जल के रागिनी प्रज्वलित हो जाए, पर तेरी निशानियाँ ही बदगुमान थी कब और क्या चाहा तूने हर सादगी मे जहर सी वफा थी स्वार्थ के सिले पर चढ़ा तू और बर्बादियो की बद्दुआ थी ©chandni

#alone

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