मंजिले मुशिकले थी पर हम खोये नही थें. दर्द था दिल | हिंदी शायरी

"मंजिले मुशिकले थी पर हम खोये नही थें. दर्द था दिल मे पर रोये नही थे, कोई नही आज हमारा जो हमसे पुछे जाग रहे हो या किसी के लिये सोये नही"

 मंजिले मुशिकले थी पर हम खोये नही थें.
दर्द था दिल मे पर रोये नही थे,
कोई नही आज हमारा जो हमसे पुछे 
जाग रहे हो या किसी के लिये सोये नही

मंजिले मुशिकले थी पर हम खोये नही थें. दर्द था दिल मे पर रोये नही थे, कोई नही आज हमारा जो हमसे पुछे जाग रहे हो या किसी के लिये सोये नही

#nojoto

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