हार मैंने अभी अपना सौदा किया ही नही ज़िंदगी के साथ।
"हार मैंने अभी अपना सौदा किया ही नही ज़िंदगी के साथ।
औऱ हार मान बैठा हूँ, सुन के लोगों की बात।।
क़िस्मत ने मेरा क्या हिसाब लगा रखा है।
और अभी हारा नही हु , हार जाने के बाद।।
ज़ुनून मेरा मेरी क़िस्मत बदल देगा।
हार के हार जाने के बाद।।"
हार मैंने अभी अपना सौदा किया ही नही ज़िंदगी के साथ।
औऱ हार मान बैठा हूँ, सुन के लोगों की बात।।
क़िस्मत ने मेरा क्या हिसाब लगा रखा है।
और अभी हारा नही हु , हार जाने के बाद।।
ज़ुनून मेरा मेरी क़िस्मत बदल देगा।
हार के हार जाने के बाद।।