चोरी करते समय हम कविता करते बहुत हैं केयर काले कवि | हिंदी कविता

"चोरी करते समय हम कविता करते बहुत हैं केयर काले कवियों की कविता में मेरी बहुत है फेयर चारों ओर लूटपाट में मंचों की है, अब होड़ बड़ी ऐसी कविता पढ़ी जो हमने टूटे टेबल बहुत से चेयर ©Neeraj Neer"

 चोरी करते समय हम कविता करते बहुत हैं केयर
काले कवियों  की  कविता  में मेरी  बहुत है फेयर
चारों ओर लूटपाट में मंचों की है, अब होड़ बड़ी
ऐसी कविता पढ़ी जो हमने टूटे टेबल बहुत से चेयर

©Neeraj Neer

चोरी करते समय हम कविता करते बहुत हैं केयर काले कवियों की कविता में मेरी बहुत है फेयर चारों ओर लूटपाट में मंचों की है, अब होड़ बड़ी ऐसी कविता पढ़ी जो हमने टूटे टेबल बहुत से चेयर ©Neeraj Neer

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