किस्मत से शिकवा करना हर कोई जानता है, पर वही जीतता | हिंदी शायरी

"किस्मत से शिकवा करना हर कोई जानता है, पर वही जीतता है, जो हौसला बढ़ाना जानता है। अक्सर ख्वाब टूट कर बिखरते हैं राहों में, मगर हौसले वालों के कदम बहकना नहीं जानते। हर ग़म को सहने का हौसला भी एक करिश्मा है, यूं किस्मत की बात पर हर दिल बिखरता है। जो दर्द से दोस्ती कर लेता है मुस्कुराते हुए, वही मुकद्दर को अपने हिसाब से लिखता है। ©नवनीत ठाकुर"

 किस्मत से शिकवा करना हर कोई जानता है,
पर वही जीतता है, जो हौसला बढ़ाना जानता है।
अक्सर ख्वाब टूट कर बिखरते हैं राहों में,
मगर हौसले वालों के कदम बहकना नहीं जानते।

हर ग़म को सहने का हौसला भी एक करिश्मा है,
यूं किस्मत की बात पर हर दिल बिखरता है।
जो दर्द से दोस्ती कर लेता है मुस्कुराते हुए,
वही मुकद्दर  को अपने हिसाब से लिखता है।

©नवनीत ठाकुर

किस्मत से शिकवा करना हर कोई जानता है, पर वही जीतता है, जो हौसला बढ़ाना जानता है। अक्सर ख्वाब टूट कर बिखरते हैं राहों में, मगर हौसले वालों के कदम बहकना नहीं जानते। हर ग़म को सहने का हौसला भी एक करिश्मा है, यूं किस्मत की बात पर हर दिल बिखरता है। जो दर्द से दोस्ती कर लेता है मुस्कुराते हुए, वही मुकद्दर को अपने हिसाब से लिखता है। ©नवनीत ठाकुर

#मुकद्दर

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