मिल न सके वो ख्वाब जो देखे थे मैंने अपनी आंखो से।
सोचा था छू लूंगा उस उछाई को जिसकी तलाश थी मुझे बचपन से। मुझे क्या पता था खफा- ए- दर्द मिलेगा मुझे अपनी ज़िन्दगी से। आज दर दर भटक रहा हूं इस ख्याल में जो मिल न सके वो ख्वाब जो.........,,
#alone मिल न सके जो ख्वाब