White बारिश की छोटी-सी बूंद
चांदी जैसी चमक रही है,
पत्ते पर गिरकर स्वयं को
भाग्यशाली कह रही है।
वह सोच रही है
कि अभी मेरा वजूद जिंदा है,
मेरा दिल सूखे पत्ते
पर फिदा है।
मैं मिट्टी में मिलने से बच गई,
खुशी मन में समा गई।
आसमान से गिरी
और धरती पर आ गई,
पहले पहल मैं घबरा गई,
हताशा मन से भाग गई।
धन्यवाद ऊपर वाले को देती हूं,
जीवन में हार न मानो
ये सबको कहती हूं।
©Shishpal Chauhan
# पानी की बूंद _ और पत्ता