यू रात में कहिं खो जाने का मन करता है अपनी इस दुनी
"यू रात में कहिं खो जाने का मन करता है
अपनी इस दुनीया से भाग जाने का मन करता है
काश ये कोशिश मेरी कामियाब हो पाति
जब होश आता है तो अपनी असलियत से सामना होता है"
यू रात में कहिं खो जाने का मन करता है
अपनी इस दुनीया से भाग जाने का मन करता है
काश ये कोशिश मेरी कामियाब हो पाति
जब होश आता है तो अपनी असलियत से सामना होता है