Jai shree ram राम सिर्फ नाम नहीं,
राम चारों धाम है ।
बढ़ चले थे जो कदम ,
राज पाट छोड़कर,
पिता वचन के नाम है ।।
राम सिर्फ..
न त्याग का भाव था,
न राज का राग था ।
बढ़े चले कदम प्रभु ,
बस मान कुल का याद था ।।
न मोह पांव रोक सका ,
न भोग, राग शोक था ।
वन गमन पर गये ,
कैकेई के भाव सा ।।
मां का भाव समझ,
पुत्र का काम है ।
राम सिर्फ
©Rupesh Dewangan
#JaiShreeRam