White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे म | हिंदी Sad

"White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके होने से उसका होना हो। और वे जरूर मिलेंगे। आप सब्र करना। ऐसे लोग एक बार मिलते हैं और आजीवन रह जाते हैं। फिलहाल आप अकेले रहो। उम्मीद मत पालो। अपना दायरा बना लो। अकेले रहो। ©Sai Angel Shaayari"

 White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके होने से उसका होना हो। और वे जरूर मिलेंगे। आप सब्र करना। ऐसे लोग एक बार मिलते हैं और आजीवन रह जाते हैं। फिलहाल आप अकेले रहो। उम्मीद मत पालो। अपना दायरा बना लो। अकेले रहो।

©Sai Angel Shaayari

White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके होने से उसका होना हो। और वे जरूर मिलेंगे। आप सब्र करना। ऐसे लोग एक बार मिलते हैं और आजीवन रह जाते हैं। फिलहाल आप अकेले रहो। उम्मीद मत पालो। अपना दायरा बना लो। अकेले रहो। ©Sai Angel Shaayari

मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके

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