तुम्हे दिलासा दू तो दू कैसे
जो तुम रोयोगे ऐसे ।
पता नहीं वजह क्या है यूं रोने का
दिल खुलकर अपनो से करो तो खुलासा
तुम्हारी गम काम नहीं होगा सायाद
पर बाट तो सकती हो है तो इस लायक
यूं ना पाने की चाहत में खुदको मायूस ना होने दो
जो है नसीब में , जो मंजूरे खुदा उसिसे जिंदेगी सवार लो।
©Nurnehar Khatun
#दिलासा# दू तो दू कैसे !
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