रुख़्सते आलम को देखकर बस यूंही मुस्कुराते है....
आँशु तो आँशु है जनाब...
याद आये न आये तस्वीर देखकर निकल आते है...
झल्लाते है पछताते है...
आँशु तो आँशु है जनाब..यादो की धूल को अपने प्यार से भिगाते है...
पूछता है अगर कोई।
....क्या गम है तुमको बताओ ज़रा
ये आँशु ही है जो लफ़्ज़ों सा बतलाते है...
जीवन की किताब का सारांश ये ...
आंखों को भिगाकर बताते है...
आँशु तो आँशु है जनाब...
याद आये न आये तस्वीर देखकर निकल आते है...
©Shivangii Pandeyyy