बचपन में नन्हे नन्हे कदमों को चलना सिखाया,
काश जिंदगी के सफर पर भी चलना सिखा जाते,
तेरे अंगना में सबके साथ हंसना खेलना सिखाया,
काश दुनिया की भीड़ में तन्हा रहना भी सिखा जाते,
तुमने बिन कहे हर ख्वाहिश को पूरा किया,
काश अब किसी से उम्मीद ना रखना भी सिखा जाते,
तुमने बचपन में कांधे पर बैठ कर मेला भी दिखाया,
काश उस वक्त किसी खिलौने की जिद्द ना करना भी सीखा जाते।
😔😔😔😔
#papa....
©Meenakshi Garg
#NightRoad