आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था न जाने क | हिंदी कविता

"आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था न जाने कहां, किस हाल में है वो जो मुझे मेरी जान से भी प्यारा था। ©Deepak Kurai"

 आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था न जाने कहां, किस हाल में है वो
 जो मुझे मेरी जान से भी प्यारा था।

©Deepak Kurai

आँखों से ओझल हो गया, टूटा हुआ कोई तारा था न जाने कहां, किस हाल में है वो जो मुझे मेरी जान से भी प्यारा था। ©Deepak Kurai

#Toota_Hua_Taara

#deepakkurai

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