मै जो हू मुझे वही रहने दो
जमाना जो कहे कहने दो
बढती रहे उम्र कोई बात नहीं
मगर मेरा बचपन रहने दो
वक़्त मुझे परखता रहे बेशक
मगर तुम ऐसे ही रहने दो
तुम लो सदा हसीन नज़ारे
मेरे लिए पतझड़ रहने दो
तुम्हारे लिए खुशियाँ रहे
मुझे उनके गम में रहने दो
देखो कितने दाग है चेहरे पे
तुम आइना देखते रहने दो
तुम बने रहो अदीबो जहाँ
मुझे पागल बने रहने दो
©Dhruv Kaushik
#Books