रंग मौसम का हरा था पहले। पेड़ ये कितना घना था पहले | हिंदी Shayari

"रंग मौसम का हरा था पहले। पेड़ ये कितना घना था पहले।। मैंने तो बाद में तोडा था उसे। आईना मुझपे हँसा था पहले।। जो नया है वो पुराना होगा। जो पुराना है नया था पहले।। कभी बसते थे ज़मीं पर इंसान। आसमानों पे ख़ुदा था पहले।। ©Sanjeev Kumar"

 रंग मौसम का हरा था पहले।
पेड़ ये कितना घना था पहले।।
मैंने तो बाद में तोडा था उसे।
आईना मुझपे हँसा था पहले।।
जो नया है वो पुराना होगा।
जो पुराना है नया था पहले।।
कभी बसते थे ज़मीं पर इंसान।
आसमानों पे ख़ुदा था पहले।।

©Sanjeev Kumar

रंग मौसम का हरा था पहले। पेड़ ये कितना घना था पहले।। मैंने तो बाद में तोडा था उसे। आईना मुझपे हँसा था पहले।। जो नया है वो पुराना होगा। जो पुराना है नया था पहले।। कभी बसते थे ज़मीं पर इंसान। आसमानों पे ख़ुदा था पहले।। ©Sanjeev Kumar

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