ना जाने कैसे कैसे मौसम गुजरेँगे, मगर दरख़्त अपनी जग | हिंदी कविता Video

"ना जाने कैसे कैसे मौसम गुजरेँगे, मगर दरख़्त अपनी जगह अड़े रहेंगे.... जिस मोड़ पर छोड़ कर गयी वो, हम उम्र भर उसी जगह खडे रहेंगे.. मुझे पता है उसने मिलना कहा है, अब उम्र गुज़ारनी है उसके बिना पर हम उसके इंतज़ार मे हमेशा पड़े रहेंगे.... ©Prikshit Bhardwaj "

ना जाने कैसे कैसे मौसम गुजरेँगे, मगर दरख़्त अपनी जगह अड़े रहेंगे.... जिस मोड़ पर छोड़ कर गयी वो, हम उम्र भर उसी जगह खडे रहेंगे.. मुझे पता है उसने मिलना कहा है, अब उम्र गुज़ारनी है उसके बिना पर हम उसके इंतज़ार मे हमेशा पड़े रहेंगे.... ©Prikshit Bhardwaj

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