हम ना बहुत बार अपनेपन में बह जाते हैं। और अपनी ख | हिंदी Shayari Vide

" हम ना बहुत बार अपनेपन में बह जाते हैं। और अपनी ख्वाहिशों को अपनों पर थोपना शुरू कर देते हैं।। भूल जाते हैं कि अपने ही होतें है । जों अपनों की बातों से दुखी हों जातें हैं ।। भूल जाते हैं कि अपनों की भी अपनी कुछ ख़्वाहिशें होती हैं। उन्हें भी अपनी ख्वाहिशों के साथ जीने की आज़ादी होती हैं ।। ©usFAUJI "

हम ना बहुत बार अपनेपन में बह जाते हैं। और अपनी ख्वाहिशों को अपनों पर थोपना शुरू कर देते हैं।। भूल जाते हैं कि अपने ही होतें है । जों अपनों की बातों से दुखी हों जातें हैं ।। भूल जाते हैं कि अपनों की भी अपनी कुछ ख़्वाहिशें होती हैं। उन्हें भी अपनी ख्वाहिशों के साथ जीने की आज़ादी होती हैं ।। ©usFAUJI

ख्बाहिशों का बोझ #Bhoojh #usfauji #बोझ #जीवन #अपने #रिश्ते

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