Fire of truth "इस संसार के, प्रत्येक, मनुष्य को, अपना सत्य ज्ञात होता है, परंतु, फिर भी, वह, संसार के रचे, उचित-अनुचित आचरणों को, स्वीकार कर, उसे झुठलाने का, भरपूर, प्रयास करता है, किंतु, सत्य, एक न एक दिन, सबके सम्मुख, प्रकट, हो ही जाता है ।"
- ईशान शर्मा
(रचनाकार)✍
©Ishan Sharma
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