मेरी मुट्ठी से ये बालू सरक जाने को कहती है कि अब ये ज़िंदगी मुझसे थक जाने को कहती है जिसे हम ओढ़कर निकले थे आग़ाज़े जवानी में वो चादर ज़िंदगी की अब मसक जाने को कहती है... (मुनव्वर राना) ©The unsung Lines #Butterfly Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto