"रोशिनी जो रूह न समझे ,वो रुखसार ना समझेगा,
दूर रहना छलावों से, कोई मासूमियत भी तार तार रौंदेगा,
भरोसा रखना हरदम ख़ुद के साज पर,
कभी न कभी ये हालात बदलेगा।"
रोशिनी जो रूह न समझे ,वो रुखसार ना समझेगा,
दूर रहना छलावों से, कोई मासूमियत भी तार तार रौंदेगा,
भरोसा रखना हरदम ख़ुद के साज पर,
कभी न कभी ये हालात बदलेगा।