प्रीत का रंग पीला हो तो! प्रीत का रंग पीला हो तो | हिंदी कविता

"प्रीत का रंग पीला हो तो! प्रीत का रंग पीला हो तो लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम अमलताश की सारी खुशियाँ कदमों में बिछा दूँ तेरे नाम बासंती बयार में संदली सी शाम चंदन की सोंधी महक से महका दूँ तेरा नाम प्रीत का रंग पीला हो तो लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम पीत सुवर्ण की आभा से आच्छादित सनई के फूलों से भरा संसार तेरी राहों में बिछा दूँ... प्रीत रंग पीला हो तो! रश्मिरथी को कर दूँ तेरा अगुवार सूरजमुखी के सभी पुष्प तेरे सत्कार को हों तैयार बासंतिक उल्हास में आम्र मंजरियाँ झरें इस मधुमास में पीत वसन धरे कान्हा की मुरली भी कहे, जहाँ-जहाँ तेरे क़दम पड़े प्रीत में तेरी पियरी बगिया खिले। ©Manisha Bose"

 प्रीत का रंग पीला हो तो!

प्रीत का रंग पीला हो तो
लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम
अमलताश की सारी खुशियाँ कदमों में बिछा दूँ तेरे नाम
बासंती बयार में संदली सी शाम
चंदन की सोंधी महक से महका दूँ तेरा नाम
प्रीत का रंग पीला हो तो
लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम
पीत सुवर्ण की आभा से आच्छादित
सनई के फूलों से भरा संसार तेरी राहों में बिछा दूँ...
प्रीत रंग पीला हो तो!
रश्मिरथी को कर दूँ तेरा अगुवार
सूरजमुखी के सभी पुष्प तेरे सत्कार को हों तैयार
बासंतिक उल्हास में आम्र मंजरियाँ झरें
इस मधुमास में पीत वसन धरे कान्हा की मुरली भी कहे,
जहाँ-जहाँ तेरे क़दम पड़े प्रीत में तेरी पियरी बगिया खिले।

©Manisha Bose

प्रीत का रंग पीला हो तो! प्रीत का रंग पीला हो तो लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम अमलताश की सारी खुशियाँ कदमों में बिछा दूँ तेरे नाम बासंती बयार में संदली सी शाम चंदन की सोंधी महक से महका दूँ तेरा नाम प्रीत का रंग पीला हो तो लिख दूँ मैं सरसों के खेत सारे तेरे नाम पीत सुवर्ण की आभा से आच्छादित सनई के फूलों से भरा संसार तेरी राहों में बिछा दूँ... प्रीत रंग पीला हो तो! रश्मिरथी को कर दूँ तेरा अगुवार सूरजमुखी के सभी पुष्प तेरे सत्कार को हों तैयार बासंतिक उल्हास में आम्र मंजरियाँ झरें इस मधुमास में पीत वसन धरे कान्हा की मुरली भी कहे, जहाँ-जहाँ तेरे क़दम पड़े प्रीत में तेरी पियरी बगिया खिले। ©Manisha Bose

#प्रीतकारंगपीला15/02/24

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