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"हर एक बूंदो की परवाह किए, थामे रखा था मैं उसे। अपना न सही, अपना मान बैठा था मैं उसे। हर दास्तान अधूरी रही मेरी, हर वादों के भीड़ में। बादल भी रो पड़े यह देख, हर बूंद के रूप में। ©writer_Suraj Pandit "
हर एक बूंदो की परवाह किए, थामे रखा था मैं उसे। अपना न सही, अपना मान बैठा था मैं उसे। हर दास्तान अधूरी रही मेरी, हर वादों के भीड़ में। बादल भी रो पड़े यह देख, हर बूंद के रूप में। ©writer_Suraj Pandit
#river #vada @Nandani patel बाबा ब्राऊनबियर्ड @Shalvi Singh @Arvind Adhar @Priyanka Sahwal
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