आँखो में आँशु लाये बिना ही रो लिया करते है हम, आँख | हिंदी शायरी
"आँखो में आँशु लाये बिना ही रो लिया करते है हम,
आँखें खुली होती है फिर भी सो लिया करते हैं हम।
हम वो बदनसीब हैं साहब,
किसी चीज को पाकर भी खो दिया करते हैं हम ।।
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आँखो में आँशु लाये बिना ही रो लिया करते है हम,
आँखें खुली होती है फिर भी सो लिया करते हैं हम।
हम वो बदनसीब हैं साहब,
किसी चीज को पाकर भी खो दिया करते हैं हम ।।