मैं कुछ कर सकूँ या न कर सकूँ, इस कलम से इस दुनिया पर आयी महामारी में बिना स्वार्थ के, बिना अपनी जान की परवाह किए, देश विदेश में सेवा देने वाले सभी चिकित्सकों का तहेदिल से शुक्रिया करना चाहती हूँ!
आप लोग भगवान की वह संतानें हैं जो यमराज से लड़कर भी लोगों की जान बचाते हैं!
अन्यायों के बाद भी, धमकी, धोखा- फरेब, गाली-गलौज के बाद भी सेवा में लगे रहते हैं ताकि आपके रहते किसी की जान न चली जाए!
नमन है आप सभी को!
©NIVEDITA PATNI
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