हम किस गुरुर में कर बैठें थे
नफ़रत उनसे ऐ गालिब
वो कमबख्त हमसे भी
ज़्यादा मोहब्बत करता था उनसे
हम मग़रूर मसरूफ़ थे
कि सबसे ज़्यादा मोहब्बत मेरी ही रही होगी
लेकिन वहम का पर्दा उन्होंने खुद
मेरी आँखो से हटाया की
की तुम कतार में तीसरे हो ऐ ज़ालिम
प्यार करने वालों में नंबर उसका
मेरे पिता से भी पहले आया
©Vishal sharma
#alone