न तो अपने साथ दे रहे है..... न ही मंजिलें इंतजार क
"न तो अपने साथ दे रहे है.....
न ही मंजिलें इंतजार कर रही है.....
मैं क्या लिखूँ अपनी ज़िन्दगी पर....
मेरे साथ तो...
मेरी ख़्वाहिशें भी मज़ाक कर रही है....."
न तो अपने साथ दे रहे है.....
न ही मंजिलें इंतजार कर रही है.....
मैं क्या लिखूँ अपनी ज़िन्दगी पर....
मेरे साथ तो...
मेरी ख़्वाहिशें भी मज़ाक कर रही है.....