आरजूएं अपने दिल में ही दफ़नाया करते हैं हम, आश | हिंदी Shayari

"आरजूएं अपने दिल में ही दफ़नाया करते हैं हम, आशिक है जनाब दर्द में भी मुस्कुराया करते हैं, उनको उम्मीद थी कि बिछङकर बिखर जाएंगे हम, खुद को समेटा, अब दूसरों की बिगङी बनाया करते हैं हम...! ©Arti Raghav"

 आरजूएं अपने दिल में ही दफ़नाया करते   
 हैं हम, आशिक है जनाब दर्द में भी 
मुस्कुराया करते हैं, उनको उम्मीद थी कि 
बिछङकर बिखर जाएंगे हम, खुद को समेटा, 
अब दूसरों की बिगङी बनाया करते हैं हम...!

©Arti Raghav

आरजूएं अपने दिल में ही दफ़नाया करते हैं हम, आशिक है जनाब दर्द में भी मुस्कुराया करते हैं, उनको उम्मीद थी कि बिछङकर बिखर जाएंगे हम, खुद को समेटा, अब दूसरों की बिगङी बनाया करते हैं हम...! ©Arti Raghav

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