Happy Dussehra आज का दिन असत्य पर
सत्य की जीत का प्रतीक है
भारत की महानता का
यह भूलने न वाला एक अतीत है
लेकिन शायद आज हम भटक गए है
अपने ही बातों मे उलझकर अटक गए है
रावण के पुतले को जलाकर
सोचते है मिट गयी सारी बुराइयाँ
मगर वो रावण तो मरा ही नही
जो तुम्हारे अंदर बैठा है बनकर काइयाँ
आज का रावण द्वेष इर्ष्या घमण्डो से भरा हुआ है
भूत रावण ज्ञानी था वर्त रावण अंधकार मे पढ़ा हुआ है
इस दशहरा बहुत सी चीजे
तुमको जलानी है
अपने घमंड अपने इर्ष्या को छोड़कर
राम जी के कदमों पर चलकर दिखानी है
Happy dusshera 🚩🚩
– Vikas Gupta
©Vikas Gupta