धीरज,धर्म, मित्र और नारी,, आपात, काल, परे" ये चारि | हिंदी कविता

"धीरज,धर्म, मित्र और नारी,, आपात, काल, परे" ये चारिवो,, 🙏ॐ नमः शिवाय 🙏 ©sunil "

धीरज,धर्म, मित्र और नारी,, आपात, काल, परे" ये चारिवो,, 🙏ॐ नमः शिवाय 🙏 ©sunil

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