ये ओस की बूंदे,ये बेमौसम बरसात, दिसंबर के जाने का | मराठी शायरी

"ये ओस की बूंदे,ये बेमौसम बरसात, दिसंबर के जाने का दर्द ही तो है। ©Ritu shrivastava"

 ये ओस की बूंदे,ये बेमौसम बरसात,
दिसंबर के जाने का दर्द ही तो है।

©Ritu shrivastava

ये ओस की बूंदे,ये बेमौसम बरसात, दिसंबर के जाने का दर्द ही तो है। ©Ritu shrivastava

#जुदाई_का_ग़म

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