डूबते सूरज की किरणे, पड़ी जब सागर में लालिमा पसरी क | हिंदी कविता Video

"डूबते सूरज की किरणे, पड़ी जब सागर में लालिमा पसरी कुछ ऐसे कि बस गईं उर में। नैना अपलक,अभिराम मन हुआ फिर उद्दाम प्रकृति तेरी छटा अदभुत निराली कहीं विशाल सागर, कहीं हरियाली ©Kamlesh Kandpal "

डूबते सूरज की किरणे, पड़ी जब सागर में लालिमा पसरी कुछ ऐसे कि बस गईं उर में। नैना अपलक,अभिराम मन हुआ फिर उद्दाम प्रकृति तेरी छटा अदभुत निराली कहीं विशाल सागर, कहीं हरियाली ©Kamlesh Kandpal

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