क्या कहूं तुमसे, बिन तुम्हारे क्या हूँ मैं,
अंधकार में गुमनाम, कहाँ हूँ मैं।
तुम ही मेरे दिल की धड़कन,
तुम ही आंखों की चिलमन।
तुम मेरा अरमान हो अभिमान हो,
तुम ही मेरा सम्मान हो।
कुछ कहूँ, कुछ सुनूँ या कुछ मान लूं,
चुप रहूं या बस थोड़ा सा विराम लूं।
हर पल हर लम्हा हर घड़ी,
मेरी साँसे मेरी धड़कन कहते हैं,
बिन तुम्हारे क्या हूँ मैं।
बिन तुम्हारे क्या हूँ मैं।।
©Ravi Maurya
बिन तुम्हारे क्या हूँ मैं।
#Merekhyaal