आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को
"आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा ,
तेरे एक मैसेज के इंतज़ार में खुद को तड़पते देखा,
थोड़ी देर के लिए पलकें बंद हुई थी जब,
ख़्वाबों में खुद को तुमसे मिलते देखाl"
आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा ,
तेरे एक मैसेज के इंतज़ार में खुद को तड़पते देखा,
थोड़ी देर के लिए पलकें बंद हुई थी जब,
ख़्वाबों में खुद को तुमसे मिलते देखाl