ऐ ज़िन्दगी तू मुझे इतना क्यों सताती है ,
एक दिन हम तुझे भी छोड़ जाएंगे ।
क्या मिलेगा मुझे गम देकर तुझे ,
जब हम दुनिया से मुंह मोड़ जाएंगे ।
चार दिन की ज़िंदगी है
जीने दे हंस के ,
फिर किसे सताएगी जब अरमानों के चिराग सारे बुझा जाएंगे ।
©Ravi Prakash
चार दिन की ज़िन्दगी
#meltingdown