दौलत की तराजू से क्या परखोगे मेरी मोहब्बत को साहब | हिंदी शायरी

"दौलत की तराजू से क्या परखोगे मेरी मोहब्बत को साहब सच्ची मोहब्बत करने वाले अक्सर ग़रीब ही होते हैं!! बेरोजगार शायर 😢💔 ©Suraj Saxena"

 दौलत की तराजू से क्या परखोगे मेरी मोहब्बत को साहब
सच्ची मोहब्बत करने वाले अक्सर ग़रीब ही होते हैं!!
बेरोजगार शायर
😢💔

©Suraj Saxena

दौलत की तराजू से क्या परखोगे मेरी मोहब्बत को साहब सच्ची मोहब्बत करने वाले अक्सर ग़रीब ही होते हैं!! बेरोजगार शायर 😢💔 ©Suraj Saxena

#incompletelove

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