तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदी हूं तू कमल | हिंदी Poetry

"तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदी हूं तू कमल की पंखुड़ी में शतरंज का प्यादा हूं तू चांदनी चांद की मैं झिलमिल तारा हूं तू कली गुलाब की मैं पतझड़ का सूखा पत्ता आधा हूं तू खुशबू मोंगरे की मैं भटकता मुसाफिर आवारा हूं तू मखमल सी मैं फटी बिवाई का खजाना हूं तू ऐसों की रानी मैं झोपड़ी का राजा हूं तू शबनम सी रात मैं भड़कता शोला अंगारा हूं तू जिंदगी की सुबह है मैं मौत का रखवाला हूं तू सुबह की अंगड़ाई है शाम की याद नम आंखों वाला हूं तू बुखार में पट्टी है मैं तपता जोर हड्डी वाला हूं तू रेगिस्तान में पानी की बूंद है मैं धधकता सूरज तारा हूं तू समंदर में टापू है मैं तूफान सुनामी आने वाला हूं तू बन में नाचती मोर है मैं सर्कस का बंदर छैल छबीला हूं तू घनघोर घटा मैं उमड़ा बादल काला हूं तू जवाब है सबका मैं सवाल हूं तेरा तुझे ख्याल है सबका तू ख्याल है मेरा तू ठंडी बरसात में भजिए तलने वाली है मैं बरसात में भीगा मुसाफिर तेरे आशियाने में ठहरने वाला हूं तू नगद है मैं उधार हूं तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदमी हूं बिरजू परिहार"

 तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदी हूं
 तू कमल की पंखुड़ी में शतरंज का प्यादा हूं 
तू चांदनी चांद की मैं झिलमिल तारा हूं 
तू कली गुलाब की मैं पतझड़ का सूखा पत्ता आधा हूं
 तू खुशबू मोंगरे की मैं भटकता मुसाफिर आवारा हूं
 तू मखमल सी मैं फटी बिवाई का खजाना हूं
 तू ऐसों की रानी मैं झोपड़ी का राजा हूं
 तू शबनम सी रात मैं भड़कता शोला अंगारा हूं 
तू जिंदगी की सुबह है मैं मौत का रखवाला हूं
 तू सुबह की अंगड़ाई है शाम की याद नम आंखों वाला हूं
 तू बुखार में पट्टी है मैं तपता जोर हड्डी वाला हूं 
तू रेगिस्तान में पानी की बूंद है मैं धधकता सूरज तारा हूं 
तू समंदर में टापू है मैं तूफान सुनामी आने वाला हूं 
तू बन में नाचती मोर है मैं सर्कस का बंदर छैल छबीला हूं
 तू घनघोर घटा मैं उमड़ा बादल काला हूं 
तू जवाब है सबका मैं सवाल हूं तेरा
 तुझे ख्याल है सबका तू ख्याल है मेरा
 तू ठंडी बरसात में भजिए तलने वाली है मैं बरसात में भीगा मुसाफिर तेरे आशियाने में ठहरने वाला हूं 
तू नगद है मैं उधार हूं तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदमी हूं


बिरजू परिहार

तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदी हूं तू कमल की पंखुड़ी में शतरंज का प्यादा हूं तू चांदनी चांद की मैं झिलमिल तारा हूं तू कली गुलाब की मैं पतझड़ का सूखा पत्ता आधा हूं तू खुशबू मोंगरे की मैं भटकता मुसाफिर आवारा हूं तू मखमल सी मैं फटी बिवाई का खजाना हूं तू ऐसों की रानी मैं झोपड़ी का राजा हूं तू शबनम सी रात मैं भड़कता शोला अंगारा हूं तू जिंदगी की सुबह है मैं मौत का रखवाला हूं तू सुबह की अंगड़ाई है शाम की याद नम आंखों वाला हूं तू बुखार में पट्टी है मैं तपता जोर हड्डी वाला हूं तू रेगिस्तान में पानी की बूंद है मैं धधकता सूरज तारा हूं तू समंदर में टापू है मैं तूफान सुनामी आने वाला हूं तू बन में नाचती मोर है मैं सर्कस का बंदर छैल छबीला हूं तू घनघोर घटा मैं उमड़ा बादल काला हूं तू जवाब है सबका मैं सवाल हूं तेरा तुझे ख्याल है सबका तू ख्याल है मेरा तू ठंडी बरसात में भजिए तलने वाली है मैं बरसात में भीगा मुसाफिर तेरे आशियाने में ठहरने वाला हूं तू नगद है मैं उधार हूं तू रंग रूप की शहजादी मैं लफ्जों का आदमी हूं बिरजू परिहार

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