जब बहुत तकलीफ होगी तुम्हे,मैं साथ रहूँगीं तुम्हारे।
दूर रही तो शब्दों से थाम लूंगीं तुम्हे,
पास रही तो सर कंधे पर रख लूँगीं।
अगर मैं यह ना कर सकी तो,
माँग लूँगीं ईश्वर से सारे दुख dard तुम्हारे।
फिर बनकर हवा हर वक्त तेरे साऐ से लिपटी रहूँगीं।
आँसू बनके तेरी आँखों से छलक जाऊँगीं,
Dard बनके तेरे सीने से लिपट जाऊँगीं।
जब तुम्हे कोई बुरी नजर से देखेगा,
तो पल्लू बनकर तेरे माथे पर छा जाऊँगीं।
जब कोई नजर लगाने की कोशिश करेगा,
काला धागा बनकर तेरी बाहों से बंध जाऊँगीं।
जब भी कोई गलती होगी तुमसे,
साँरी मे बोल ,ताबीज बनकर तेरे हदय से लिपट जाऊँगीं।
अब और नहीं बता पाऊँगीं में।😌
*ŠirFŤuM*
*प्रीत.....✍️
©PREET G0SWAMi
Alone.