हाथों की लकीर में ही नसीब देखता रह गया उसकी आंखों | हिंदी Shayari

"हाथों की लकीर में ही नसीब देखता रह गया उसकी आंखों में वो प्यार कभी न देख सका ©Gyan Prakash Yadav"

 हाथों की लकीर में ही नसीब देखता रह गया
उसकी आंखों में वो प्यार कभी न देख सका

©Gyan Prakash Yadav

हाथों की लकीर में ही नसीब देखता रह गया उसकी आंखों में वो प्यार कभी न देख सका ©Gyan Prakash Yadav

#Wochaand

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