प्यार और हिंसा में फर्क समझें।
ये बातें, ये समझ हमें माता-पिता भी नहीं दे सकते लेकिन हमें अपने विचार इतने परिपक्व करने होंगे कि हमें अपनो का शौषण/हिंसा और प्यार में फर्क समझ आए और उसके लिए कोई रास्ता निकाल पाए। केवल माता पिता का कर्तव्य नहीं है कि वहीं अपने परिवार का रक्षण करें, बच्चें भी अच्छे बुरे की समझ पैदा करके माता पिता को या परिवार को सुरक्षा सहारा हिम्मत दे सकते है,
गलत के खिलाफ होकर।
कभी परिवार के अन्य सदस्यों से या दोस्तो से जान पहचान के लोगो से बात करके, उनसे सलाह लेकर उनके साथ से कानूनी कार्यवाही से भी। बुरे के खिलाफ होना अच्छाई को बढ़ावा देना है, इस में कोई बुरी बात नहीं है। सभी का हक है एक खुशहाल जीवन जीने का। खूब हिम्मत और अच्छे विचार पैदा करो और जीवन खुशहाल बनाओं। Bless You Guys ❤️🙏👑😊
अगर जमाना बदला है तो हमें अपने घरों के वातावरण में भी बदलाव लाना होगा, हमारे अपने हमसे अपने मन की बात कह सके,हम खुद उनसे कह सके फिर क्यों कोई तनाव में रहेगा।