ए काश ..
वो रात जल्द आए
जब अपनी उंगलियों से तुम
मेरे बालों को सहलाओ
धीरे धीरे करूँ तुम्हें बेलिबास
और तुम मदहोश होकर लिपट जाओ
कुछ इस तरह से चूमूँ की
बेखुदी में तुम्हारी आह निकल जाए
जलते होंठ जब मिले तेरे होंठो से
शांत जिस्म में हलचल मचे
मेरे जिस्म का अंग अंग झूम जाए
ए काश वो रात ..
©Andy Mann
#ऐ काश वो रात Geet Sangeet Ak.writer_2.0 0 PФФJД ЦDΞSHI Niaz (Harf) Arshad Siddiqui KhaultiSyahi