उसका मेरे शब्दों को समझना मुमकिन ही नहीं जिसक मेर | हिंदी Poetry

"उसका मेरे शब्दों को समझना मुमकिन ही नहीं जिसक मेरी खामोशियों से कोई वास्ता ही नहीं था। मेरी आंखों से निकले आंसुओं को उसने कब आंसू समझा उसके लिए आंखों से निकला पानी ही तो था। मैं बिखर गया, सवरा वो भी नहीं वफा थी ही नहीं उसमें खमाखा इश्क का नाम, वो बदनाम कर गया।💔 03.11.2014 ©Bobby(Broken heart)"

 उसका मेरे शब्दों को समझना मुमकिन ही नहीं 
जिसक मेरी खामोशियों से कोई वास्ता ही नहीं था। 

मेरी आंखों से निकले आंसुओं को 
उसने कब आंसू समझा 
उसके लिए आंखों से निकला पानी ही तो था। 

मैं बिखर गया, सवरा वो भी नहीं 
वफा थी ही नहीं उसमें 
खमाखा इश्क का नाम, वो बदनाम कर गया।💔
03.11.2014

©Bobby(Broken heart)

उसका मेरे शब्दों को समझना मुमकिन ही नहीं जिसक मेरी खामोशियों से कोई वास्ता ही नहीं था। मेरी आंखों से निकले आंसुओं को उसने कब आंसू समझा उसके लिए आंखों से निकला पानी ही तो था। मैं बिखर गया, सवरा वो भी नहीं वफा थी ही नहीं उसमें खमाखा इश्क का नाम, वो बदनाम कर गया।💔 03.11.2014 ©Bobby(Broken heart)

#bobby_sad_eyes

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